डीडी कोसांबी ने सीखने का जुनू न, तेज़ बुद्धि और इंसानियत के प्रति लगाव के गुण अपने पिता से ही विरासत में पाये थे. अपने शुरुआती दिनों की पढ़ाई पुणे में करने के बाद डीडी कोसांबी अपने पिता के साथ अमरीका चले गए. वहां उन्होंने 1925 तक कैम्ब्रिज लैटिन स्कू ल में तालीम हासि ल की. इसके बाद 1929 में कोसांबी ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएश न की पढ़ाई पूरी की. इसमें उन्होंने बहुत ऊंची ग्रेड हासिल की थी. हार्वर्ड में पढ़ाई के दौरान ही डीडी कोसांबी ने गणित, इतिहास और ग्रीक, लैटिन, जर्मन और फ्रेंच ज़बानों में दिलचस्पी लेनी शुरू की. और, बाद में इन विषयों में महारत हासिल की थी. हार्वर्ड में पढ़ाई के दौरान ही कोसांबी, जॉर्ज बिर्कहॉफ़ और नोरबर्ट वीनर जैसे मश हूर गणितज्ञों के संपर् क में आए. 1929 में भारत लौटने पर कोसांबी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में गणित पढ़ाना शुरू किया. जल्द ही गणितज्ञ के तौर पर उनकी धाक जम गई. जिसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने कोसांबी को अपने यहां पढ़ाने का न्यौता दिया. डीडी कोसांबी ने एक साल तक एएमयू में पढ़ाने का काम किया. 1932 में कोसांबी ने गणि