सर्दियों का मौसम आते ही लोग खांसी-ज़ुकाम से बचने की तैयारियां शुरू कर देते हैं. कई लोग अपने घर के
बच्चों और बुजुर्गों को खांसी से बचाने के लिए पहले से ही कई तैयारियां
करके रखते हैं.
इनमें नींबू और शहद जैसे घरेलू नुस्खे और दवाइयां शामिल होती हैं.बीबीसी की एक विशेष सिरीज़ 'द ट्रुथ अबाउट' में डॉ. क्रिस वैन टुलेकेन ने खांसी-ज़ुकाम के साथ-साथ इससे राहत दिलाने वाली दवाओं पर जानकारी हासिल करने की कोशिश की है.
दरअसल, खांसी से छुटकारा पाने के लिए सीरप गले के पिछले हिस्से में रिसेप्टर्स पर परत चढ़ाकर ख़राश को कम करता है. इसी वजह से ज़्यादातर सीरप गाढ़े होते हैं.
डॉक्टर वैन अपने बचपन की एक घटना याद करते हुए बताते हैं कि एक बार उनकी मां ने खांसी होने पर गर्म पानी, नींबू और शहद वाला सीरप उन्हें दिया.
लेकिन इसके बाद जब उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की तो उनके मन में ऐसे घरेलू नुस्खों के प्रति एक तरह का अविश्वास पैदा हुआ.
इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए डॉ. वैन ब्रिटेन की 'हॉल यूनिवर्सिटी' पहुंचे.
यहां उनकी मुलाकात कार्डियोवैस्कुलर और मेटाबोलिक रिसर्च सेंटर में कार्यरत खांसी विशेषज्ञ एलिन मॉरिस से हुई.
यहां मॉरिस ने डॉ. वैन को वोद्का और मिर्च खिलाई जिससे वैन को तेजी से खांसी होने लगी. इसके बाद उन्हें नींबू और शहद वाला सीरप दिया गया.
खांसी रुकते ही डॉ. वैन के मुंह से निकला कि यह तो चमत्कारी है. . वैन ने आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले तीन 'कफ़ सीरप' का अध्ययन किया है जिनमें ग्वेफिनेसन, डेक्सट्रोमेथॉर्फेन, स्यूडोफेडरीन शामिल हैं.
लेकिन इन दवाओं का अध्ययन करने के बाद डॉ. वैन इनका सेवन नहीं करने की सलाह देते हैं.
वहीं प्रोफेसर मॉरिस कहते हैं, "मेरी राय में, शीशी बंद सीरप और दवाओं के शहद-नींबू से बेहतर होने के सुबूत कम मिलते हैं. लेकिन शहद-नींबू के साथ फायदा ये है कि उनमें किसी तरह का ड्रग नहीं मिला होता तो आप उन्हें जितना चाहें उतना पी सकते हैं."
लेकिन अगर खांसी-जुखाम के साथ बुखार भी आ जाए तो लोग सबसे पहले बुखार की दवा लेते हैं.
डॉ. वैन बताते हैं कि बुखार से राहत हासिल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टैबलेट्स में तीन ड्रग होते हैं - पैरासिटामोल, ब्रूफैन और डिकंजेस्टेंट.
अब ब्रूफैन एक दर्द कम करने वाला और 'डिकंजेस्टेंट' सीने में जकड़न दूर करने वाला ड्रग है.
ऐसे में डॉ. वैन कहते हैं कि वायरस अलग-अलग लोगों पर अलग तरह से प्रभाव डालता है. ऐसे में ये बिलकुल ठीक नहीं है कि एक दवा सभी लोगों के लिए कारगर साबित हो.
उदाहरण के लिए, अगर आपके सीने में जकड़न नहीं हो तो आपको डिकंजेस्टेंट की ज़रूरत नहीं होगी.
लेकिन अगर आपके सिर में दर्द हो तो आप सिर्फ कोई 'पेनकिलर' ले सकते हैं.
लोग प्यार में क्या-क्या नहीं करते.
भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने भी अपनी पत्नी के लिए कुछ ऐसा
किया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
शेरिंग तोबगे ने अपने ट्विटर
हैंडल से एक तस्वीर शेयर की है जिसमें वो अपनी पत्नी को पीठ पर बैठाकर ले
जा रहे हैं. रास्ता बहुत ख़राब है और कीचड़ फैला हुआ है. शेरिंग तोबगे ने फ़ोटो शेयर करते हुए लिखा है, ''सर वॉल्टर रैले जैसा साहसी तो नहीं लेकिन मैंने वो किया जो किसी पुरुष को अपनी पत्नी के पैरों को साफ़ रखने के लिए करना चाहिए.''र वॉल्टर रैले एक कवि थे और ब्रिटिश सेना का हिस्सा थे. उनके बारे में कहा जाता है कि महारानी एलिज़ाबेथ प्रथम के रास्ते में कीचड़ आने पर उन्होंने उस पर अपना ओवरकोट बिछा दिया था. इसे वीरता का एक उदाहरण बताया जाता है क्योंकि उन्होंने महारानी के पैर गंदे नहीं होने दिए.
इस फ़ोटो के वायरल होने के बाद तोबगे की पोस्ट पर लोग कमेंट करने लगे और उसे शेयर करने लगे. लोगों को उनका ये तरीक़ा काफ़ी पसंद आया और फिर शेरिंग तोबगे की तारीफ़ें होने लगीं.
यूज़र मोहम्मद अताउर रहमान ख़ान ने ट्वीट किया, ''आपकी जो भी पोज़ीशन हो, अपनी पत्नी के लिए आपका प्यार ज़ाहिर होता है. इसे शेयर करने के लिए शुक्रिया. ये नई पीढ़ी के लिए भी प्रेरक होगा कि अपनी पत्नी का ख़्याल कैसे रखें.''
अभिनव गुप्ता ने लिखा है, ''तारीफ़ के काबिल. शुक्रिया सर, आपको किसी से तुलना करने की ज़रूरत नहीं. आपने वो किया जो आपकी पत्नी के सबसे सही था.''क यूज़र ने इसे भूटान में हो रहे चुनावों से भी जोड़ा. भूटान में आम चुनाव हो रहे हैं और शेरिंग तोबगे की पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी मैदान में है. ये भूटान के प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है.
चुनावों पर रोहित जैन ने लिखा है, ''बहुत रोमांटिक, वह भी चुनावी मौसम में.''
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